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इस संगठन को क्यों प्रारम्भ किया गया :

सैंथवार मल्ल समाज के चौमुखी विकास के लिए इस संस्था या संगठन और बेबसाइट को प्रारम्भ किया गया है । यथा--अपने स्वजातीय समाज के गौरवशाली इतिहास एवं अतीत की जानकारी देना । मूलनाम (सैंथवार- मल्ल ) से जाति प्रमाणपत्र जारी कराने के लिए वर्तमान सरकार तथा उसके उच्च अधिकारीगण से माँग करना, धरना- प्रदर्शन, रैली आयोजित कराना तथा सही दिशा में सदप्रयास करते रहना । स्वजातीय समाज में आपसी सद्भाव एवं परस्पर एकता बनाए रखने के लिए कुछ अत्यंत संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण मुद्दों/ समस्याओं पर शीर्ष प्राथमिकता से ध्यान देकर समाधान के उपाय सुझाए जाते हैं। जैसे--बेटा-बेटी के लालन-पालन,खान-पान एवं पोषण, शिक्षा-दीक्षा में व्याप्त विभेद को समाप्त कराने के लिए सामाजिक वातावरण तैयार करने में मदद करना । स्वजातीय समाज में नारी/स्त्री के मान- मर्यादा को प्रतिष्ठित करने के लिए बाल-विवाह की रोकथाम के उपाय बताना, गरीब लड़कियों के विवाह हेतु प्रबुद्धजनों के सहयोग से आर्थिक एवं सामाजिक सहयोग दिलाकर उनका विवाह सम्पन्न कराना । इसके साथ-साथ दहेज रहित विवाह को प्रोत्साहन देकर सामाजिक परिवेश में परिवर्तन लाने का प्रयास करना एवं बिधवा विवाह को उच्च वरीयता देकर सामाजिक सम्मान दिलाने का प्रयास सतत करते रहना । इसीलिए स्त्री-पुरूष के सम्बन्धों को सामाजिक स्वीकृति एवं मान-मर्यादा प्रदान करने की नीयत से स्वजातीय समाज में भारतीय रीति-रिवाज, संस्कृति एवं परम्परा के अनुरुप दो परिवार अपनी स्वेच्छानुसार वैवाहिक सम्बन्ध बना/जोड़ सकें, * निःशुल्क राष्ट्रीय मोर्चा विवाह जानकारी वाट्सएप ग्रुप* संचालित किया गया है । इसी प्रकार कन्या/बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उनको निःशुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराकर परीक्षा में उच्च अंक/ मेरिट में स्थान प्राप्त करने पर स्वजातीय समाज में उनको सम्मानित कराया जाता है । समय समय पर जरूरतमंद विद्यार्थियों एवं प्रतियोगी अभ्यर्थियों को भी उचित पाठ्यक्रम सामग्री उपलब्ध कराना, असहाय एवं निर्धन व्यक्तियों को रक्त की आपूर्ति हेतु स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन कराना एवं ब्लडबैंक में रक्त सुरक्षित रखवाना ,स्वरोजगार एवं नौकरियों से संबंधित जानकारी समय-समय पर उपलब्ध कराना । स्वजातीय समाज ( सैंथवार- मल्ल बिरादरी ) से जुड़े ऐसे अनेक सम्स्याओं/ विषयों पर संगोष्ठी आयोजित कराकर विस्तृत रूप से चर्चा- परिचर्चा कराने एवं उपरोक्त सम्बन्धित समस्याओ के समाधान हेतु आवश्यकतानुसार समाजिक कार्य की गतिविधियों से सम्बंधित सुव्यवस्थित कार्यक्रम बनाकर संगठन और वेबसाइट के माध्यम से स्वजातीय समाज को जागृत और जागरूक करके, विकास के पथ पर अग्रसर बनाए रखने के लिए, सदैव तत्पर रहकर सतत प्रयास करते रहना ही इसका मूलमंत्र है ।